पटना म्यूजियम (Patna Museum) बिहार की राजधानी पटना में स्थित एक प्रमुख संग्रहालय है। इस संग्रहालय को स्थानीय रूप से “जादूघर” भी कहा जाता है। यह संग्रहालय 1918 में स्थापित किया गया था और इसे इंडो-सारसेनिक वास्तुकला शैली में बनाया गया है।
पटना म्यूजियम (Patna Museum) में बिहार की प्राचीन धरोहर, मूर्तियाँ, चित्रकला, सिक्के, हस्तलिपियाँ, और अन्य ऐतिहासिक वस्तुएं रखी गई हैं। संग्रहालय में मौर्य, गुप्त, पाल और अन्य प्राचीन साम्राज्यों की मूर्तियां और कलाकृतियां देखी जा सकती हैं। इसमें बुद्ध से संबंधित कई महत्त्वपूर्ण वस्तुएं भी संग्रहित हैं, जिसमें उनके अवशेष, कांस्य मूर्तियां और पांडुलिपियां भी शामिल हैं।
यह संग्रहालय भारतीय इतिहास और संस्कृति के अध्ययन के लिए महत्वपूर्ण स्थान रखता है और हर वर्ष यहां हजारों पर्यटक इसे देखने के लिए आते रहते हैं।
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पटना म्यूजियम का इतिहास (Patna Museum History)
पटना म्यूजियम का इतिहास (Patna Museum History) काफी समृद्ध और दिलचस्प है, और यह बिहार की सांस्कृतिक धरोहर को संरक्षित करने का एक महत्वपूर्ण प्रयास है। आइए इसके इतिहास पर एक नजर डालते हैं:
स्थापना और निर्माण:
पटना म्यूजियम की स्थापना 1918 में ब्रिटिश शासन के दौरान हुई थी। उस समय बिहार और उड़ीसा प्रांत का निर्माण हुआ था, और इसके साथ ही पटना में एक संग्रहालय की आवश्यकता थी। इसे इंडो-सारसेनिक वास्तुकला (Indo-Saracenic Architecture) शैली में बनाया गया, जो कि भारतीय और मुग़ल वास्तुकला शैलियों का मिश्रण है। इस संग्रहालय का निर्माण इसलिए किया गया ताकि बिहार के प्राचीन अवशेषों और धरोहरों को संरक्षित और प्रदर्शित किया जा सके।
उद्देश्य:
पटना म्यूजियम की स्थापना का मुख्य उद्देश्य था बिहार के ऐतिहासिक और सांस्कृतिक धरोहरों को संरक्षित करना और उन्हें जनता के लिए उपलब्ध कराना। यह संग्रहालय शुरू से ही ऐतिहासिक वस्तुओं, पुरातात्त्विक अवशेषों, और कला के विभिन्न रूपों का संग्राहक रहा है।
पटना म्यूजियम महत्वपूर्ण संकलन (Patna Museum Important Collections)
- दिदारगंज यक्षिणी: पटना म्यूजियम का सबसे प्रसिद्ध संग्रहणीय वस्तु है दिदारगंज यक्षिणी, जो मौर्य काल की एक उत्कृष्ट मूर्ति है। इसे 1917 में पटना के पास दिदारगंज से खोजा गया था।
- धातु और पत्थर की मूर्तियाँ: यहाँ मौर्य, शुंग, गुप्त, और पाल काल की अनेक धातु और पत्थर की मूर्तियाँ संग्रहित हैं।
- सिक्कों का संग्रह: यहाँ प्राचीन भारत के विभिन्न कालों के सिक्कों का विशाल संग्रह है।
- चित्रकला: भारतीय मिनिएचर पेंटिंग्स का एक समृद्ध संग्रह भी यहां देखने को मिलता है।
हाल के वर्षों में, पटना म्यूजियम को और अधिक आधुनिक बनाने के प्रयास किए गए हैं। इसके अलावा, बिहार म्यूजियम भी स्थापित किया गया है, जहां कुछ संग्रहणीय वस्तुएं स्थानांतरित की गई हैं, लेकिन पटना म्यूजियम अब भी अपनी ऐतिहासिक और सांस्कृतिक महत्ता को बनाए हुए है।
पटना संग्रहालय प्रवेश शुल्क (Patna Museum Entry Fee)
पटना म्यूजियम में प्रवेश के लिए टिकट शुल्क निर्धारित किया गया है, जो की इस प्रकार है:
- भारतीय नागरिकों के लिए: प्रति व्यक्ति 20 रुपये
- विदेशी नागरिकों के लिए: प्रति व्यक्ति 250 रुपये
इस शुल्क का उद्देश्य संग्रहालय के रखरखाव, संरक्षित वस्तुओं की सुरक्षा और आवश्यक संसाधनों को जुटाना है। यह फीस भारतीय और विदेशी पर्यटकों के लिए अलग-अलग है, जो संग्रहालय में दी जाने वाली सेवाओं और सुविधाओं के अनुसार निर्धारित की गई है।
पटना संग्रहालय का समय (Patna Museum Timing)
- खुलने का समय: सुबह 10:30 बजे से शाम 4:30 बजे तक
- सप्ताह का अवकाश: सोमवार को संग्रहालय बंद रहता है
इस समय के दौरान, आगंतुक संग्रहालय में प्रदर्शित ऐतिहासिक और सांस्कृतिक धरोहरों को देख सकते हैं।
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निष्कर्ष (Conclusion)
पटना म्यूजियम (Patna Museum) न केवल बिहार की समृद्ध सांस्कृतिक और ऐतिहासिक धरोहर को संजोए हुए है, बल्कि यह पर्यटकों को एक अद्वितीय अनुभव प्रदान करता है। संग्रहालय के विस्तृत संग्रह और शानदार प्रदर्शनी दर्शकों को बिहार के गौरवशाली अतीत की यात्रा पर ले जाती है। इसके अलावा, संग्रहालय के पास स्थित तारा मंडल एक और आकर्षक केंद्र है, जो विज्ञान और खगोल विज्ञान में रुचि रखने वाले लोगों के लिए एक विशेष केंद्र है
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