Golghar Patna: गोलघर बिहार की राजधानी पटना के गांधी मैदान से पश्चिम की ओर करीब 1 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। यह एक पर्यटन स्थल है जो इस शहर की संस्कृति और ऐतिहासिक महत्व को दर्शाता है।
यह भारत का पहला गोलघर है, जिसका निर्माण 20 जुलाई 1786 को हुआ था। गोलघर अपने गोलाकार इमारत के लिए मशहूर है, जो इसे अत्यधिक लोकप्रिय पर्यटक (Tourist Place) स्थल बनाता है, जहां बिहार के कोने-कोने से लोग घूमने आते रहते है।
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गोलघर का वास्तुकार और आयाम (Golghar’s Architect and Dimensions)
गोलघर के चारो तरफ मिलाकर कुल 145 सीढ़िया हैं, जिससे गोलघर के ऊपर चढ़कर पर्यटक पटना की सुंदरता को निखार सकते है। हालाँकि, अब पर्यटकों को गोलघर के ऊपर चढ़ने की इजाजत नहीं है।
पटना के गोलघर का आकार (Patna Golghar Dimensions) 125 मीटर है और ऊँचाई 29 मीटर है। इसको बनाने के लिए किसी भी प्रकार का पिलर का इस्तेमाल नहीं किया गया है और इसकी दीवारें की निचली हिस्से की मोटाई 3.5 मीटर है।
गोलघर के ऊपर पर लगभग तीन मीटर तक ईंटों की जगह पत्थरों का इस्तेमाल किया गया है। गोलघर के टॉप पर अनाज डालने के लिए दो फीट 7 इंच का एक छेद छोड़ा गया था, जिसे बाद में भर दिया गया।
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गोलघर का इतिहास (Golghar Patna History)
गोलघर पटना भूखमरी से बचने के लिए अनाज भंडारण करने के लिए बनाया गया था। सन 1770 में पटना में आए भयंकर अकाल और भुखमरी के बाद इस गोलघर को बनाया गया था, जिसमे करीब 1,40,000 टन अनाज रखने की क्षमता है।
इस विश्व प्रसिद्ध पटना का गोलघर की निर्माण की योजना गवर्नर जनरल वारेन हेस्टिंग्स द्वारा लगभग 235 साल पहले बनाया गया था। इसका निर्माण का कार्य सन 1784 में शुरू हुआ और सन 1786 के आसपास पूरा हुआ था।
यह ऐतिहासिक गोलघर आज भी संरक्षित है और बिहार सरकार द्वारा इसकी देख-रेख की जा रही है।
गोलघर पटना एंट्री फी (Golghar Patna Entry Fee)
Entry Fee Golghar Patna: अगर बात करे गोलघर की एंट्री फी की तो ये अलग-अलग श्रेणियों में विभाजित हो सकती है, जैसे कि स्थानीय और अंतरराष्ट्रीय पर्यटकों के लिए अलग-अलग दरें हो सकती हैं। आमतौर पर, बच्चों और वयस्कों के लिए भी अलग-अलग निर्धारित दरें होती हैं। लेकिन, अभी गोलघर की एंट्री फी 10 रुपिया है।
गोलघर पटना की टाइमिंग (Golghar Patna Timing)
पटना का गोलघर घूमने का समय मंगलवार से रविवार सुबह 10 बजे से शाम 5 बजे तक रहता है। सोमवार को पूर्णतः अवकाश रहता है।
अगर आप गोलघर के अंदर फोटोग्राफी अथवा वीडियोग्राफी करना चाहते है , तो आप बिलकुल मुफ्त में कर सकते है। कैमरा या अन्य कोई यंत्र आप बिना कोई शुल्क दिए ले जा सकते है।
निष्कर्ष
गोलघर पटना न केवल भूखमरी से लड़ने में एक महत्वपूर्ण संस्थान है, बल्कि यह एक शानदार पर्यटन स्थल (Best Tourist Place) भी है जो पर्यटकों को अनोखे अनुभव और ज्ञान की यात्रा प्रदान करता है।
Frequently Asked Questions Related to Golghar
पटना गोलघर का निर्माण कब और किसने किया?
पटना गोलघर का निर्माण की योजना करीब 235 साल पहले 1784 में गवर्नर जनरल वारेन हेस्टिंग्स द्वारा बनाई गई थी।
गोलघर पर कितनी सीढ़ियां हैं?
गोलघर पटना में कुल मिलाकर 145 सीढ़ियां हैं।
गोलघर कहां स्थित है?
यह पटना के गांधीमैदान के पश्चिम में करीब 1 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है।
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